कौंधियारा,प्रयागराज(डीएनएन)।देव दीपावली अधर्म पर धर्म की जीत का प्रतीक है।हर साल कार्तिक पूर्णिमा तिथि को देव दीपावली मनाई जाती है।कार्तिक पूर्णिमा को साल की सभी पूर्णिमाओं में सबसे पवित्र माना जाता है।इस दिन गंगा में स्नान व दान करने से सुख सौभाग्य की प्राप्ति होती है।इसी कड़ी में प्रयागराज में विगत वर्षों की भाँति इस वर्ष भी देव दीपावली बड़े ही हर्षोल्लास से मनाई जाएगी।
सोमवार को देव दीपावली पर तीन लाख दिए जलाने की तैयारी है।बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं द्वारा संगम में आस्था की डुबकी लगाई जाएगी साथ ही मंदिरों,गंगा,यमुना,संगम समेत गंगा-यमुना के घाट लाखों दीपों की झिलमिल रोशनी में जगमगाएंगे।रंगोली और दीपों से घाट सजाए जाएंगे और रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम का भी आयोजन किया जाएगा।शनिवार को देव दीपावली की तैयारियों को देखने के लिए जिलाधिकारी प्रयागराज नवनीत चहल ने एडीएम प्रशासन हर्षदेव पाण्डेय एवं एडीएम सिटी मदन कुमार सहित संगम के आस पास के घाटों का निरीक्षण कर तैयारियों को परखा।पूरे क्षेत्र को सेक्टरों में बांटकर दीप जलाने को निर्देश दिया गया है।
संगम नोज से वीआईपी घाट मुख्य आकर्षण का केंद्र होगा।जिला प्रशासन की ओर से इसके लिए एक टीम गठित कर सबको जिम्मेदारी सौंपते हुए पूरी तैयारी कर ली गई है।शाम को बड़ी संख्या में शहरवासी यहां दीपदान करने पहुंचेंगे।यहां पर मां गंगा युमना और सरस्वती की आरती भी की जाएगी।जिलाधिकारी नवनीत चहल ने देव दीपावली पर्व के दौरान सुरक्षा,यातायात व पार्किंग स्थल का समुचित प्रबंध किए जाने का निर्देश दिया है।
दीपदान कार्यक्रम के दौरान सेक्टर मजिस्ट्रेट अपनी देखरेख में अपने-अपने सेक्टरों में समुचित ढंग से दीपों को जलवाएगें।इसके अलावा संगम क्षेत्र में सेल्फी पॉइन्ट, सैण्डआर्ट,लेजर शो आदि का भी आयोजन किया जाएगा,जो प्रमुख रूप से आकर्षण का केंद्र होगा।
देव दीपावली का महत्व:
इस पर्व को लेकर ऐसी मान्यता है कि कार्तिक माह की पूर्णिमा के दिन भगवान शिव जी द्वारा त्रिपुरासुर नाम के राक्षस का वध किया था,वह देवी और देवताओं को अपने आतंक से परेशान कर रखा था।इसके वध के बाद सभी देवी-देवताओं ने मिलकर खुशी मनाई थी।साथ ही ऐसी भी मान्यता है कि इस दिन शिव जी के साथ सभी देवी-देवता धरती पर आते हैं और एक साथ दीप जलाकर खुशियां मनाते हैं,इसलिए प्रयागराज सहित अन्य तीर्थ स्थलों में प्रत्येक वर्ष कार्तिक पूर्णिमा तिथि पर देव दीपावली बड़े ही धूमधाम से मनाई जाती है।
अमित पाण्डेय✍️