भगोड़े परवेज की तलाश में जौनपुर शहर में छापा
- लखनऊ तक भी पुलिस ने फैलाया अपना जाल
- अपनी मांद से बाहर नहीं निकल रहे आरोपित
- जल्द ही फरार आरोपितों पर घोषित हो सकता है इनाम
- जमाल का शिक्षक चेला भी बच बचा कर दे रहा साथ
मनीष सिंह ,गाजीपुर, डीएनएन। योगी सरकार में माफिया डॉन मुख्तार अंसारी समेत उसके सभी करीबियों पर सहमत आ गई और लगभग सभी जेल में पहुंच भी गए लेकिन अभी तक उसके बेहद करीबी बेसिक शिक्षा विभाग से जुड़े शार्प मास्टरमाइंड परवेज जमाल तक पुलिस नहीं पहुंच पाई। प्रवेश तो दूर उसके शिक्षक केले के खिलाफ भी अब तक कोई प्रशासनिक कार्रवाई नहीं हुई। जमाल की तलाश में दो दिन पूर्व क्राइम ब्रांच की टीम ने लखनऊ समेत जौनपुर शहर के कई अलग-अलग ठिकानों पर छापा मारा , लेकिन कामयाबी नहीं मिली। सूत्र बताते हैं कि जमाल तक पहुंचाने के लिए क्राइम ब्रांच की टीम ने उसके चेले के तीन मोबाइल नंबरों को लगातार ट्रेस करना शुरू कर दिया है और सीडीआर के माध्यम से जानकारी जुटाई जा रही है। सूत्र बताते हैं कि फरार आरोपियों के खिलाफ गैर जमानती वारंट हासिल करने के बाद अब पुलिस उनके सिर पर इनाम घोषित करने की कार्रवाई में जुट गई है।
पूरा प्रकरण
बहादुरगंज नपां की पूर्व चेयरमैन निकहत परवीन की नियुक्ति एक मदरसे में सहायक अध्यापिका के पद पर हुई थी। अल्पसंख्यक विभाग की जांच में नियुक्ति फर्जी पाई गई। फर्जी पत्र के आधार पर नौकरी पाने के आरोप में पूर्व चेयरमैन निकहत परवीन को जहां बर्खास्त कर दिया गया वहीं उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार करने के बाद जेल भी भेज दिया गया है। इस मामले में निकहत परवीन के पति व वर्तमान अध्यक्ष रियाज अंसारी समेत परवेज जमाल वह दो अन्य के खिलाफ नामजद मुकदमा दर्ज है।
बच बचाकर गुरु का साथ दे रहा है चेला
सूत्रों के अनुसार बेसिक शिक्षा विभाग में भगोड़ा घोषित हो चुके परवेज जमाल का बेहद करीबी उसका केला जो कि वर्तमान में मनिहारी शिक्षा खंड के एक विद्यालय में प्रधानाध्यापक के पद पर कार्यरत है वह बच बचाकर उसका साथ दे रहा है। सूत्र बताते हैं कि जमाल के साथ कमल करने वाले उसका केला भी बेसिक शिक्षा विभाग के अधिकारियों की रडार पर है। यही नहीं विजिलेंस की टीम भी उसकी कमियों को खंगाल रही है।
कंप्यूटर में खेल कर अकूत संपत्ति का बना मलिक
जमाल के चेले के बारे में विभागीय सूत्र बताते हैं कि वह कंप्यूटर का मजा हुआ खिलाड़ी है। कंप्यूटर के बारे में अच्छी जानकारी होने के चलते ही वह परवेज का करीबी बना था और कुछ ही वर्षों के अंतराल में बेसिक शिक्षा विभाग में लाखों करोड़ों का गोलमाल करने के बाद अकूत संपत्ति का मालिक बन गया।
बीएसए से लेकर एबीएसए से तक है हैरान
जमाल के चेले की कारस्तानी जानने के बाद बीएससी ही नहीं बल्कि मनिहारी ब्लॉक के एबीएसए भी हैरत में पड़ गए हैं। बीएससी के निर्देश पर जमाल के चेले को मनिहारी ब्लॉक के बीआरसी गेट में घुसने पर पाबंदी लगा दी गई है। मनिहारी एबीएसए तो परवेज के चेले से पूरी तरह सावधान हो गए हैं।
परवेज के जौनपुर में छिपे होने की आशंका
पुलिस सूत्रों के अनुसार कुछ मोबाइल नंबरों के डीआर मिलने के बाद यह पुख्ता जानकारी मिली कि बेसिक शिक्षा विभाग का भगोड़ा क्लर्क प्रवेश जमाल जौनपुर शहर में ही कहीं छिपा हुआ है। इस सूचना के आधार पर क्राइम ब्रांच की टीम ने जौनपुर शहर में स्थित परवेज के कई ठिकानों पर छापा मारा लेकिन वह नहीं मिला।
सुप्रीम कोर्ट के शरण में पहुंचने की है तैयारी
बताते चलें कि निकहत परवीन केस में बुरी तरह फंसे बहादुरगंज नपां अध्यक्ष रियाज अंसारी समेत परवेज जमाल और उनके दो अन्य साथियों की अग्रिम जमानत हाई कोर्ट से खारिज हो चुकी है। ऐसे में चारों आरोपित अपने एक अधिवक्ता साथी के माध्यम से सुप्रीम कोर्ट पहुंचने की तैयारी में जुटे हुए हैं। यह सूचना कहां तक सही है और कहां तक गलत इस बारे में आधिकारिक तौर पर कोई पुष्टि नहीं हुई है।
भगोड़े गुरु का चेला भी मांद में घुसा
विभागीय सूत्र बताते हैं कि परवेज जमाल के फरार होने के बाद से ही उसका शिक्षक केला अपने आप को सेफ जोन में रख कर चल रहा है। अपने आप को विभागीय जांच और विजिलेंस टीम से बचने के लिए वह समय-समय पर बाहर निकल रहा है नहीं तो ज्यादा समय तक वह अपनी मन में ही छिपा रह रहा है।
जमाल के कई रिश्तेदारों से भी हुई पूछताछ
क्राइम ब्रांच से जुड़े सूत्रों के अनुसार परवेज जमाल के कई गरीबों रिश्तेदारों को उठाकर उनसे पूछताछ की जा चुकी है लेकिन अभी तक कोई ऐसी पोस्ट जानकारी नहीं मिल पाई है जिसके माध्यम से भगोड़े जमाल के करीब तक पहुंचा जा सके।
वर्जन
आरोपित भाग कर जाएंगे कहां। आरोपितों के लिए लगभग कोर्ट का दरवाजा भी बंद हो गया है। या तो सभी आरोपित सरेंडर करेंगे या फिर पकड़े जाएंगे। तलाश जारी है जल्द ही सभी आरोपितों को दबोच लिया जाएगा। बलवंत - एएसपी ग्रामीण