- बड़े भाई सिबगतुल्लाह अंसारी और भतीजे सुहैब मौके पर रहे मौजूद
गाजीपुर। आईएस (191) गैंग के सरगना माफिया मुख्तार अंसारी की बांदा जेल में मौत की खबर के बाद शुक्रवार की सुबह करीबी, रिश्तेदार व समर्थक मुहम्मदाबाद स्थित पैतृक आवास फाटक पर जुटने लगे। सभी के चेहरे पर मायूसी थी। लोगों ने परिजनों से मिलकर संवेदना व्यक्त की। यहां मुख्तार के बड़े भाई पूर्व विधायक सिबगतुल्लाह अंसारी, भतीजे मुहम्मदाबाद विधायक सुहैब अंसारी मौजूद रहे। सुहैब अंसारी सुबह में सबसे पहले मुहम्मदाबाद स्थित कब्रिस्तान पर पहुंचे। यहां पर उन्होंने दफन किए जाने वाले जगह को देखा और कब्र खुदवाने के बारे में जानकारी ली।
वैसे तो मुख्तार की मौत की घोषणा होते ही रात को बड़ी संख्या में समर्थक मुहम्मदाबाद स्थित पैतृक आवास पर पहुंचने लगे। इस दौरान युवा समर्थकों ने सरकार के खिलाफ नारेबाजी भी की लेकिन सिबगतुल्लाह और सुहैब अंसारी की शांति बनाए रखने की अपील के बाद लोग माने। देर रात तक भीड़ कम होने का नाम नहीं ले रही थी। अपील के बाद लोग घर गए लेकिन सुबह होते ही फिर से समर्थक, करीबी और रिश्तेदार आवास पर जुटने लगे। मुख्तार की मौत के बाद उनके समर्थकों में काफी आक्रोश था लेकिन प्रशासन की सख्ती के कारण वह अपने आक्रोश को अंदर समेटे रहे। वहीं घर के बड़े बुजुर्गों ने भी युवाओं को किसी भी प्रकार का हंगामा या नारेबाजी करने से रोके रखा।
सोशल मीडिया पर छाया रहा मुख्तार
गाजीपुर। माफिया मुख्तार अंसारी की गुरुवार की रात हार्ट अटैक से मौत की खबर सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर पूरी तरह से छा गई। मौत की पुष्टि होने के बाद जहां मुख्तार के समर्थक सरकार व प्रशासन को दोषी ठहराते दिखे। वहीं दूसरी ओर स्व. कृष्णानंद राय के समर्थक खुशी का इजाहर करते दिखे। कोई इसे भगवान का न्याय बता रहा था तो कोई जैसे को तैसा की कहावत कह रहा था। व्हाट्सअप, फेसबुक, इंस्टाग्राम समेत सभी सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर मुख्तार समर्थकों ने सरकार की कार्यप्रणाली को जमकर कोसा। उनका कहना था कि तबीयत खराब होने के बावजूद सही इलाज नहीं दिया गया जिससे मुख्तार की मौत हुई। वहीं कोई कुछ दिनों पहले अफजाल अंसारी के स्लो प्वाइजन देने के आरोपों को सही बता रहा था। इसके इतर कुछ लोग पूरे मामले की जांच कराकर दोषियों पर कार्रवाई की मांग कर रहे थे। दूसरी ओर कृष्णानंद राय के समर्थक भी ज्यादा सक्रिय दिखे। उन्होंने मुख्तार की मौत पर खुशी जाहिर करते हुए लिखा कि भगवान के घर देर हैं अंधेर नहीं। सरकार ने जो किया वो अच्छा किया। समर्थक कृष्णानंद राय की फोटो पर पुष्प डालकर श्रद्धांजलि भी देने लगे।