नयी दिल्ली.... राजधानी में इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र (आईजीएनसीए) के उमंग सभागार में सोमवार को वरिष्ठ पत्रकार एवं लेखक अजित राय की पुस्तक ‘दृश्यांतर’ का लोकार्पण किया गया।
इस पुस्तक का लोकार्पण आईजीएनसीए के सदस्य सचिव डॉ. सच्चिदानंद जोशी, आईजीएनसीए के डीन (प्रशासन) प्रो. रमेश चंद्र गौर और वरिष्ठ पत्रकार गिरिजाशंकर ने किया।
इस अवसर पर पुस्तक के लेखक अजित राय, नाट्य समीक्षक व पत्रकार संगम पांडेय, वाणी प्रकाशन के अध्यक्ष व प्रबंध निदेशक अरुण माहेश्वरी और कार्यकारी निदेशक अदिति माहेश्वरी गोयल भी उपस्थित थे।
इस मौके पर भारत में सांस्कृतिक पत्रकारिता के महत्त्व, दशा और दिशा पर सार्थक बातचीत हुई।
डॉ. सच्चिदानन्द जोशी ने कहा, "सांस्कृतिक पत्रकारिता के क्षेत्र में दस्तावेजीकरण का काम होना चाहिए। आज सांस्कृतिक पत्रकारिता बहुत खतरे के दौर में है। हमारी जैसी सांस्कृतिक धरोहर है, विश्व में ऐसी सांस्कृतिक धरोहर कहीं नहीं है।" उन्होंने चिंता जताई कि आज सांस्कृतिक पत्रकारिता हाशिये पर चली गई है और आज यह कमोबेश पेज-3 जर्नलिज्म तक सिमटकर रह गई है।
वरिष्ठ पत्रकार गिरजाशंकर ने कहा, "पहले के अखबारों में साहित्य और संस्कृति के विशेष साप्ताहिक अंक निकलते थे लेकिन आज के दौर में पत्रकारिता में साहित्य और संस्कृति लगभग खत्म हो चुकी है।"