नयी दिल्ली.... आम आदमी पार्टी ने दिल्ली नगर निगम के महापौर के लिए महेश खिची और उपमहापौर पद के लिए रविंद्र भारद्वाज को उम्मीदवार बनाया हैं।
आम आदमी पार्टी के दिल्ली प्रदेश संयोजक एवं कैबिनेट मंत्री गोपाल राय और निगम के प्रभारी दुर्गेश पाठक ने महापौर उपमहापौर प्रत्याशी की घोषणा करते हुए आज कहा कि पहले भी दिल्ली के लोग लोकसभा, विधानसभा और निगम के चुनाव में वोट देकर अपना प्रतिनिधि चुनती रही है लेकिन अरविंद केजरीवाल के उदय के बाद पहली बार दिल्ली और देश में काम की राजनीति शुरू हुई है। वहीं, दूसरी तरफ लोग भाजपा की नकारात्मक राजनीति से धीरे-घीरे दूर होते गए। दिल्ली विधानसभा में दूसरी बार बुरी तरह हारने के बाद भाजपा यह समझ गई कि दिल्ली में अरविंद केजरीवाल को किसी भी तरह से हराया नहीं जा सकता है इसलिए षड़यंत्र करके आम आदमी पार्टी को खत्म करना पड़ेगा।
श्री राय ने कहा कि भाजपा के षड़यंत्र की शुरूआत एमसीडी चुनाव से पहले पार्टी के वरिष्ठ नेता सत्येंद्र जैन की गिरफ्तारी के साथ हुई। सारे षड़यंत्रों के बाद भी दिल्लीवालों ने दिल्ली विधानसभा की तरह निगम से भी भाजपा की विदाई कर दी। निगम में हारने के बाद भाजपा और बौखला गई। इसके बाद भाजपा ने मनीष सिसोदिया को गिरफ्तार कराया और अब अरविंद केजरीवाल को भी झूठे आरोपों में जेल में बंद कर दिया गया है।
उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी के काम को देखकर जैसे दिल्ली की जनता ने विधानसभा और निगम से भाजपा की विदाई की है और अब लोकसभा में भी उसे जवाब देगी। अरविंद केजरीवाल के काम को गिरफ्तार किया गया है, उनको अपमानित किया जा रहा है।जेल का जवाब लोकसभा चुनाव में भी जनता वोट से देगी।
आप नेता ने कहा कि इस साल आरक्षित श्रेणी से महापौर का चुनाव होना है। उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी ने निर्णय लिया है कि इस बार पार्टी की तरफ से महापौर के प्रत्याशी महेश खिची होंगे। वह करोल बाग विधानसभा के देव नगर वार्ड 84 से आम आदमी पार्टी के पार्षद हैं। वहीं रविंद्र भारद्वाज को उपमहापौर का प्रत्याशी बनाया है। वह दूसरी बार किराड़ी विधानसभा के अमन विहार वार्ड 41 से पार्षद चुने गए हैं।
इस दौरान निगम प्रभारी दुर्गेश पाठक ने कहा कि एक साल पहले दिल्ली की जनता ने निगम में भी अरविंद केजरीवाल की सरकार बनाई। लोगों ने बड़ी उम्मीदों के साथ अरविंद केजरीवाल को एमसीडी की जिम्मेदारी दी। इससे पहले 15 साल तक भाजपा का शासन रहा। उस दौरान हमेशा जगह-जगह कूड़ा फैला होने, ड्रेनेज सिस्टम खराब और भ्रष्टाचार समेत नकारात्मक खबरें सुनने को मिलती थी। 15 साल तक दिल्ली के लोगों को अपमानित किया गया। लोगों को घर के सामने पड़े कूड़े को हटवाने के लिए भी दर-दर की ठोंकरे खानी पड़ती थी। 15 साल की गंदगी को साफ करने में समय लगता है। भाजपा द्वारा निगम के एक-एक विभाग को खत्म कर दिया गया। किसी भी विभाग के कर्मचारी को समय पर सैलरी नहीं मिलती थी। कई बार कर्मचारी आठ से दस महीने तक सैलरी के लिए धरने पर बैठने को मजबूर थे।
ग़ौरतलब है कि महापौर और उपमहापौर चुनाव के लिए नामांकन पत्र दाखिल करने की आज आखिरी तारीख है। चुनाव 26 अप्रैल को होंगे।