नयी दिल्ली। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने परमवीर चक्र पुरस्कार विजेताओं के नाम पर अंडमान और निकोबार द्वीपसमूह के 21 द्वीपों के लिए अपनी तरह के पहले खुले जल तैराकी अभियान का शुक्रवार को यहां स्वागत किया। रक्षा मंत्रालय ने वक्तव्य जारी कर बताया कि नाम बदलने की पहली वर्षगांठ मनाने के लिए त्रि-सेवा अंडमान और निकोबार कमान ने ‘अभियान परमवीर’ शुरू किया, जिसमें सेना, नौसेना, वायु सेना और तटरक्षक बल के कर्मियों की एक टीम ने सभी 21 स्थानों पर तैराकी की। इस अवसर पर 21 वीरता पुरस्कार विजेताओं की वीरता और बलिदान को श्रद्धांजलि के रूप में द्वीपों और प्रत्येक द्वीप पर राष्ट्रीय ध्वज फहराया गया।
वक्तव्य में कहा गया है कि 11 सदस्यीय अभियान दल का नेतृत्व ओपन वॉटर तैराक और तेनजिंग नॉर्वे नेशनल एडवेंचर पुरस्कार प्राप्त विंग कमांडर परमवीर सिंह ने किया। श्री सिंह ने टीम के साहस और क्षमता की सराहना की, जिसने समुद्र में कई चुनौतियों को पार करते हुए अभियान को सफलतापूर्वक पूरा किया और परमवीरों की वीरता और बलिदान की कहानियों को लोगों तक पहुंचाया। उन्होंने कहा कि यह अभियान यह सुनिश्चित करने की दिशा में सरकार के प्रयासों के अनुरूप था कि राष्ट्र की सेवा में अपना बलिदान देने वाले हमारे सैनिकों के वीरतापूर्ण कार्यों के बारे में लोगों, विशेषकर युवाओं को पता चले और युवा इन बहादुरों से प्रेरणा लें। उन्होंने आशा व्यक्त की कि सशस्त्र बल के जवान देश को गौरव दिलाते रहेंगे और युवाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत बने रहेंगे। कार्यक्रम के दौरान टीम द्वारा रक्षा मंत्री को अभियान ध्वज सौंपा गया।
इस अवसर पर प्रमुख रक्षा अध्यक्ष जनरल अनिल चौहान, सेना प्रमुख जनरल उपेन्द्र द्विवेदी, अंडमान और निकोबार कमान के कमांडर-इन-चीफ एयर मार्शल साजू बालाकृष्णन और अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे। इस अभियान को औपचारिक रूप से गत 22 मार्च को विश्व जल दिवस के अवसर पर इस कमान द्वारा श्री विजयपुरम से नेताजी सुभाष चंद्र द्वीप में हरी झंडी दिखाकर रवाना किया गया था। टीम ने पांच महीने की अवधि में सभी 21 द्वीपों, 300 किलोमीटर से अधिक की यात्रा की। यह अभियान 15 अगस्त को 78वें स्वतंत्रता दिवस पर समाप्त हुआ था।