हमीरपुर/नयी दिल्ली....देश भर में पिछले वर्ष इंटर्नशिप करने वाले कॉलेज के लगभग 12 प्रतिशत छात्रों काे अच्छे प्रदर्शन के आधार पर पूर्णकालिक नौकरी मिली।
करियर-टेक प्लेटफॉर्म इंटर्नशाला की एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी गयी है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि इंटर्नशिप हासिल करने वाले अधिकांश छात्रों (78 प्रतिशत) ने घर से काम करते हुए इंटर्नशिप की।
रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि कॉलेजों के ट्रेनिंग और प्लेसमेंट सेल छात्रों के करियर में कैसे महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं, जिससे उन्हें कौशल और इंटर्नशिप के अवसरों के माध्यम से रोजगार योग्य बनाया जा रहा है।
रिपोर्ट के अनुसार वर्तमान में, 21,500 से अधिक उच्च शिक्षा संस्थान (एचईआई) इस मंच के साथ काम कर रहे हैं ताकि उनके 5.8 लाख से अधिक छात्रों को रोजगार के अवसर प्रदान किए जा सकें और इससे उद्योग और अकादमिक क्षेत्र के बीच की खाई को पाटा जा सके। यह एक महत्वपूर्ण कदम है जो छात्रों को उद्योग की आवश्यकताओं के अनुसार तैयार करने में मदद करेगा और उन्हें अपने करियर में आगे बढ़ने के लिए आवश्यक कौशल प्रदान करेगा।
कॉलेजों द्वारा अपने छात्रों में इंटर्नशिप और स्किलिंग के बारे में जागरूकता फैलाने में महत्वपूर्ण वृद्धि हुई है। इसके अलावा, यूजीसी, एआईसीटीई जैसी सरकारी संस्थाओं द्वारा निरंतर दिशानिर्देशों ने न केवल इंजीनियरिंग और मैनेजमेंट संस्थानों बल्कि पूरे देश में सभी डिग्री कॉलेजों को प्रेरित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
वर्ष 2023 में, 33,800 से अधिक छात्रों ने इंटर्नशिप और नौकरियां हासिल कीं। यह संख्या वर्ष 2024 के अंत तक काफी अधिक होने की उम्मीद है। कॉलेज के ट्रेनिंग और प्लेसमेंट ऑफिसर्स (टीपीओ) के समर्थन से इंटर्नशिप हासिल करने वाले छात्रों का औसत स्टाइपेंड 4,200 रुपये प्रति माह था, और अधिकतम स्टाइपेंड 60,000 रुपये प्रति माह तक पहुंच गया।इन वित्तीय पुरस्कारों से न केवल छात्रों को आय का स्रोत मिलता है, बल्कि यह उनके हाल ही में प्राप्त कौशलों को जॉब मार्केट में मान्यता भी दिलाता है। इसके अलावा, जिन छात्रों ने इंटर्नशिप से पूर्णकालिक रोजगार में स्थानांतरण किया या फ्रेशर नौकरी के अवसर प्राप्त किए, उनके लिए वार्षिक पैकेज तीन लाख रुपये प्रति वर्ष (एलपीए) से लेकर 12 लाख रुपये प्रति वर्ष (एलपीए) तक पहुंच गया, जो इस बात को दर्शाता है कि नियोक्ता इंटर्नशिप अनुभव वाले उम्मीदवारों को कितना महत्व देते हैं।
भौगोलिक दृष्टि से, दिल्ली-एनसीआर (26प्रतिशत), मुंबई (10 प्रतिशत), बेंगलुरु (7प्रतिशत), पुणे (6प्रतिशत), हैदराबाद (6प्रतिशत), कोलकाता (4प्रतिशत), चेन्नई (2प्रतिशत), और जयपुर (2प्रतिशत) जैसे शहर शीर्ष केंद्रों के रूप में उभरे हैं, जहाँ इन 21,500 कॉलेजों के छात्र इंटर्नशिप और नौकरी के अवसरों से जुड़े हैं।