नयी दिल्ली। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भारतीय वायु सेना की 92वीं वर्षगांठ के अवसर पर आयोजित किये जा रहे विभिन्न कार्यक्रमों के तहत मंगलवार को यहां राष्ट्रीय युद्ध स्मारक से ‘वायु वीर विजेता’ कार रैली को गर्मजोशी से विदाई दी। रक्षा मंत्रालय ने बताया कि इस रैली में महिलाओं समेत 50 से अधिक वायु योद्धा लद्दाख के थोइस के लिए रवाना हो गए जहां से वे अरुणाचल प्रदेश के तवांग तक की यात्रा करेंगे। रैली को आठ अक्टूबर को औपचारिक रूप से तवांग के लिए हरी झंडी दिखायी जायेगी। थोइस बेस समुद्र तल से 3,068 मीटर ऊपर दुनिया के सबसे अधिक ऊंचाई वाले वायु सेना स्टेशनों में से एक है।
यह रैली नौ राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से होते हुए कुल 7,000 किलोमीटर की दूरी तय करेगी। रैली में विभिन्न चरणों में पूर्व वायु सेना प्रमुखों की भागीदारी भी देखने को मिलेगी। रक्षा मंत्री ने बहादुरी, समर्पण और देशभक्ति के साथ कठिन परिस्थितियों में मातृभूमि की सेवा करने के लिए वायु योद्धाओं की सराहना की। उन्होंने कहा, “ वायुसेना ने देश और उसके लोगों की रक्षा करने की अपनी कोशिशों में महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की है। यह देश के दुश्मनों को उनके क्षेत्र में घुसकर करारा जवाब देने में सक्षम है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में हम भारतीय वायुसेना को सबसे उन्नत विमानों और प्लेटफार्मों से लैस करने तथा उन्हें आत्मनिर्भर भारत पहल के माध्यम से और अधिक सक्षम बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
श्री सिंह ने कठिन और जटिल इलाकों से गुजरने वाली रैली में शामिल होने वाले वायु योद्धाओं को अपनी शुभकामनाएं दीं। वायु योद्धा 29 अक्टूबर को तवांग में रैली के समापन से पहले लेह, कारगिल, श्रीनगर, जम्मू, चंडीगढ़, देहरादून, आगरा, लखनऊ, गोरखपुर, दरभंगा, बागडोगरा, हासीमारा, गुवाहाटी, तेजपुर और दिरांग में रुकेंगे। रैली का उद्देश्य भारतीय वायुसेना के गौरवशाली इतिहास एवं शौर्य के बारे में लोगों में जागरूकता फैलाना है और युवाओं को मातृभूमि की सेवा के लिए आकर्षित करना है। रक्षा मंत्री ने कहा कि कार रैली के दौरान, वायु योद्धा विभिन्न राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के स्कूलों एवं कॉलेजों में युवाओं के साथ बातचीत करेंगे जिससे युवाओं को सशस्त्र बलों में शामिल होने तथा गर्व व सम्मान का जीवन जीने की प्रेरणा मिलेगी।
इस अवसर पर वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल ए पी सिंह, वायुसेना के पूर्व प्रमुख आर के एस भदौरिया , ए वाई टिपनिस और अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे। रैली का आयोजन वायुसेना ने उत्तराखंड समर स्मारक के पूर्व सैनिकों के साथ समन्वय से किया है। भारतीय वायुसेना का एडवेंचर सेल रैली का नेतृत्व और समन्वय कर रहा है।