नयी दिल्ली ... रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शुुक्रवार को कहा कि हिन्द प्रशांत के लिए भारत का दृष्टिकोण ‘सागर’ (क्षेत्र में सभी के लिए सुरक्षा और विकास) के विचार पर आधारित है क्योंकि हम ऐसी साझेदारियों को बढ़ावा देने में विश्वास करते हैं जो सतत विकास, आर्थिक विकास और पारस्परिक सुरक्षा को प्राथमिकता देती हैं।
श्री सिंह ने यहां हिन्द प्रशांत क्षेत्रीय संवाद (आईपीआरडी) 2024 को संबोधित करते हुए इस बात पर जोर दिया कि भारत का अपने साझेदारों के साथ संबंध इस समझ पर आधारित है कि सच्ची प्रगति केवल सामूहिक कार्रवाई और तालमेल के माध्यम से ही हासिल की जा सकती है।
रक्षा मंत्री ने नियम-आधारित अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था, अंतरराष्ट्रीय कानून के प्रति सम्मान और समुद्री कानून पर संयुक्त राष्ट्र कन्वेंशन में निहित सिद्धांतों के पालन के प्रति भारत के अटूट संकल्प को दोहराया और उन्हें विदेश नीति की आधारशिला करार दिया। उन्होंने कहा, “ भारत ने विवादों के शांतिपूर्ण समाधान की लगातार वकालत की है और क्षेत्रीय वार्ता, स्थिरता और सामूहिक विकास को बढ़ावा देने में आसियान की केंद्रीय भूमिका पर जोर देते हुए इंडो-पैसिफिक में देशों के बीच सहयोग को बढ़ावा देने की मांग की है।”
श्री सिंह ने महत्वपूर्ण अंतरराष्ट्रीय समुद्री मार्गों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए भारत की प्रतिबद्धता को भी रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि संयुक्त अभ्यास और सूचना-साझा करने की पहल सहित क्षेत्रीय भागीदारों के साथ जुड़ाव का उद्देश्य सामूहिक समुद्री सुरक्षा ढांचे को मजबूत करना है।
रक्षा मंत्री ने कहा कि भारतीय सशस्त्र बल, विशेष रूप से नौसेना, क्षेत्र के देशों के साथ सहयोग में सबसे आगे रही है, और अपनी क्षमता तथा क्षमताओं के निर्माण की दिशा में लगातार काम कर रही है। उन्होंने कहा कि तेजी से विकसित हो रहा वैश्विक समुद्री परिदृश्य गतिशीलता, संसाधन प्रतिस्पर्धा और उभरते सुरक्षा खतरों में बदलाव से आकार लेता है। उन्होंने कहा कि ‘इंडो-पैसिफिक थिएटर’ का उद्भव वैश्विक शक्ति के संतुलन को दर्शाता है। उन्होंने कहा, “ हिन्द प्रशांत क्षेत्र दुनिया के सबसे गतिशील भू-राजनीतिक क्षेत्र के रूप में उभरा है और यह आर्थिक और रणनीतिक हितों के गुरुत्वाकर्षण का केंद्र है।
नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश त्रिपाठी ने भारत की आर्थिक वृद्धि और सुरक्षा के लिए समुद्री क्षेत्रों, विशेष रूप से हिन्द प्रशांत की प्रासंगिकता पर जोर दिया।
इस अवसर पर, रक्षा मंत्री ने नेशनल मैरीटाइम फाउंडेशन (एनएमएफ) द्वारा प्रकाशित ‘मैरीटाइम इंडिया: टेम्पोरल एंड स्पैटियल कॉन्टिनम’ नामक पुस्तक का भी विमोचन किया। प्रमुख रक्षा अध्यक्ष जनरल अनिल चौहान, थल सेनाध्यक्ष जनरल उपेन्द्र द्विवेदी, वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल ए पी सिंह, एनएमएफ अध्यक्ष एडमिरल करमबीर सिंह (सेवानिवृत्त) और रक्षा मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी, विदेशी प्रतिनिधि , भारत और विदेश के थिंक-टैंक के प्रतिनिधि शामिल हुए।