-छह माह बाद भी नहीं आई जांच कमेटी की रिपोर्ट, बैकडोर से वसूली जारी
- आईटीआई प्रशिक्षुओं को वजीफा के नाम पर 40 लाख भुगतान का मामला
जखनियां, गाजीपुर। नलकूप खंड-1 में आईटीआई के 48 प्रशिक्षुओं के वजीफा भुगतान के नाम पर 12 हजार रुपये घूस मांगने वाले चर्चित बाबू का अभी तक बाल बांका भी नहीं हो पाया है। भले ही विभागीय अधिकारी इस बात की पुष्टि कर रहे है कि उक्त रिश्वतखोर बाबू का पटल परिर्वतन कर दिया गया है, लेकिन अभी तक इस मामले में उसके खिलाफ कोई कड़ा एक्शन नहीं लिया गया है। विभाग में चर्चा है कि उक्त बाबू ही अभी तक बैकडोर से अपने पुराने पटल को सम्भाल रहा है। घूस मांगने के सम्बंध में आडियो वायरल होने और कई समाचार पत्रों में खबर प्रकाशित होने के बाद उक्त बाबू को पटल से हटाने का कोरम पूरा किया गया और उसके खिलाफ जांच कमेटी बैठाई गई, लेकिन आज करीब छह महीनों बाद भी जांच कमेटी की रिपोर्ट उजागर नहीं हुई। इससे साफ जाहिर हो रहा है कि विभागीय अधिकारियों ने मिलीभगत कर उक्त दबंग बाबू को बचाने के लिए जांच के मामले को दबा दिया है।
यह है मामला
बीते अप्रैल माह में एक आरटीआई कार्यकर्ता ने डीएम समेत नलकूप खंड के अधिकारियों को पत्र भेजकर पूरे प्रकरण से अवगत कराया था। इसके अलावा विभाग के एक चर्चित बाबू का आडियो भी वायरल हुआ था, जिसमें वह आईटीआई प्रशिक्षु से वजीफा भुगतान के नाम पर 12 हजार रुपये घूस की डिमांड कर रहा था। प्रति प्रशिक्षणार्थी को 84 हजार रुपये एक वर्ष में भुगतान होना है। विभाग से सभी को मिलाकर 40 लाख रुपये का भुगतान किया जाना था, जिसमें से पौने छह लाख रुपये की वसूली भी की जानी थी। इसके एवज में उक्त पटल का बाबू प्रशिक्षुओं से 84 सौ कमीशन व 36 सौ रुपये हाजिरी के नाम पर घूस मांग रहा था। यह प्रकरण वायरल आडियो के माध्यम से सामने आया था, जिसमें उक्त बाबू की आवाज पूरी तरह से स्पष्ट हो जा रही थी। इस मामले में डीएम नेे आरोपित बाबू के पटल परिर्वतन करने के साथ ही उसके खिलाफ विभागीय कार्रवाई की निर्देश दिया था।
छह माह बाद भी नहीं आई जांच रिपोर्ट
पटल सहायक रणजीत सिंह द्वारा 12 हजार रुपये घूस की डिमांड करने का मामला सामने आने के बाद विभागीय अधिकारियों ने अपने बयान में कहा था कि इस मामले में जांच कमेटी बैठा दी गई है। पांच दिन के भीतर कमेटी की रिपोर्ट मिल जायेगी। इसके बाद उक्त बाबू के खिलाफ विभागीय कार्रवाई की जायेगी, लेकिन अब तक ऐसा नहीं हुआ। छह माह बीत जाने के बाद भी जांच रिपोर्ट अभी तक तैयार नहीं हुई। कुल मिलाकर उक्त बाबू को बचाने के लिए विभागीय अधिकारियों ने ऐड़ी से चोटी का जोर लगा दिया है।
वर्जन
मामला मेरे संज्ञान में है। उस वक्त जिस सहायक अभियंता के नेतूत्व में कमेटी गठित की गई थी उनका तबादला हो गया। ऐेसे में मेरे द्वारा नये सिरे से जांच कमेटी बनाई गयी है। अभी कमेटी जांच कर रही है। रिपोर्ट मिलने के बाद अग्रिम कार्रवाई की जायेगी। हालांकि उक्त बाबू का पटल परिवर्तन कर दिया गया है। - राहुल अग्रहरि, अधिशासी अभियंता, नलकूप खंड प्रथम