नयी दिल्ली। उप राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने संवाद और समझ से किसानों की समस्याओं का समाधान निकालने का आह्वान करते हुए कहा है कि किसानों की संतुष्टि से वर्ष 2047 तक विकसित भारत का मार्ग प्रशस्त होगा। श्री धनखड़ ने रविवार को यहां राजा महेंद्र प्रताप की 138वीं जयंती के अवसर पर एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि किसानों के हितों का संरक्षण आवश्यक है ताकि हम एक विकसित राष्ट्र का निर्माण कर सकें। श्री धनखड़ ने कहा,“हर बार एक सोच मेरे मन में आती है, हमें स्वतंत्र भारत में क्या करना पड़ेगा ताकि हमारे लोगों की उपलब्धियों को उचित सम्मान मिल सके? वर्तमान व्यवस्था ठीक है, आर्थिक प्रगति शानदार है। हमारी वैश्विक छवि बहुत उच्च है, लेकिन वर्ष 2047 तक एक विकसित राष्ट्र का दर्जा प्राप्त करने के लिए यह जरूरी है कि हमारे किसान संतुष्ट हों।
किसानों से समस्याओं का समाधान संवाद और समझ के माध्यम से करने का आह्वान करते हुए श्री धनखड़ ने कहा,“हमें याद रखना होगा कि हम अपने ही लोगों से नहीं लड़ते, हम अपने ही लोगों को धोखा नहीं देते, धोखा तो दुश्मन को दिया जाता है। अपने लोगों को गले लगाया जाता है। जब किसान की समस्याओं का समाधान तुरंत नहीं हो रहा है तो कैसे नींद आ सकती है? मैं अपने किसान भाइयों से कहता हूं कि इस देश में समस्याओं का समाधान संवाद और समझ के माध्यम से होता है। राजा महेंद्र प्रताप इस दृष्टिकोण के लिए प्रसिद्ध थे।
उन्होंने कहा,“हमें समाधानों के लिए खुले रहना होगा, चर्चा के लिए खुले रहना होगा क्योंकि यह देश हमारा है, और यह ग्रामीण पृष्ठभूमि से प्रभावित है। मुझे विश्वास है कि मेरे किसान भाई, जहां भी वे हैं और जो भी किसी आंदोलन में सक्रिय हैं, मेरी बात उनके कानों तक पहुंचेगी और वे इस पर ध्यान देंगे। आप सभी मुझसे अधिक ज्ञानी हैं, अधिक अनुभवी हैं। मुझे यकीन है कि सकारात्मक ऊर्जा का मिलन होगा और किसानों की समस्याओं का सबसे तेज समाधान होगा।”
किसानों की हर संभव मदद का आश्वासन देते हुए और आगे बढ़ने की आवश्यकता पर जोर देते हुए उप-राष्ट्रपति ने कहा कि हमें आत्ममंथन करना होगा। जो हो चुका है वह हो चुका है ।लेकिन आगे का रास्ता सही होना चाहिए। एक विकसित भारत का निर्माण किसानों की भूमि से होता है। विकसित भारत की यात्रा खेतों से होती है। किसानों की समस्याओं का समाधान तेज गति से होना चाहिए। अगर किसान परेशान है तो देश की आन-बान को बहुत बड़ा आघात लगता है और यह इसलिए भी होता है क्योंकि हम अपने दिल की बात मन में रख लेते हैं। उन्होंने कहा,“किसानों की समस्याओं का समाधान करने के लिए मेरे दरवाजे 24 घंटे खुले हैं। ऐसा करके, मैं स्वतंत्रता को एक नया आयाम देने में सहायक बनूंगा, और राजा महेंद्र प्रताप की आत्मा को शांति मिलेगी।