राजगढ़ मिर्जापुर: विकासखंड राजगढ़ क्षेत्र के खोराडीह सेमरा बरहो, धनसीरिया, निकरिका, चन्दनपुर, तालर, चिटबिश्राम, सरसो, सेमरी, सटेशगढ़, जमुटी, इंदिरानगर, राजगढ़ लगभग एक दर्जन से ज्यादा गांव में टमाटर की खेती किस किए हुए हैं किसानों का लागत मूल्य निकल नहीं पाया है लेकिन किसान परेशान हो रहे हैं। यहां का टमाटर मुगलसराय, जौनपुर, बलिया, गाजियाबाद, सुल्तानपुर, सहारनपुर के अलावा दिल्ली, पश्चिम बंगाल, इसके अलावा विदेशों में भी अपनी धाक जमा चुका है। यहां का टमाटर महीना बाद भी खराब नहीं होता है।देखा जाए तो राजगढ़ क्षेत्र में सैकड़ो बीघा टमाटर की खेती किस किए हुए हैं लेकिन मंडी में टमाटर इतना सस्ता हो गया है कि खेतों में टमाटर पक रहे हैं और किसान टमाटर की तोरई नहीं कर रहे हैं। किसानों ने कहा कि इतना सस्ता टमाटर पिछले वर्ष भी था इस वर्ष भी टमाटर ₹20 कैरेट के आसपास आ गया है। मजदूरों की लागत लगभग ₹300 प्रति दिन के हिसाब से तोराई लग रही है। लेकिन एक कैरट में टमाटर लगभग 30 किलो के आसपास आता है अंदाजा लगा लीजिए टमाटर का रेट क्या हुआ। हर साल चुनाव के समय किसानों के सामने टमाटर की फैक्ट्री के लिए आश्वासन मिलता है लेकिन आज तक टमाटर की फैक्ट्री नहीं लग पाई जिससे किसानों की टमाटर खेतों में पड़े सड़े हुए हैं। किसान परेशान हो रहे हैं और मिर्च भी काफी सस्ता हो गया है। शुरुआत में टमाटर का रेट बढ़ा हुआ उसके बाद 15 दिनों के बाद ही टमाटर धीरे-धीरे इतना सस्ता हो गया कि इसको तोड़ने वाला किसान मजदूर को मना कर रहा है।
क्षेत्र के किस मंजय सिंह ने कहा कि टमाटर इतना सस्ता हो गया है की मंडी में बेचने लायक नहीं है 30 किलो प्रति कैरेट के हिसाब से टमाटर लगभग ₹20 में बिक रहा है लागत नहीं निकल पाएगी इसलिए खेतों में छोड़ दिया गया है। किसान मुकेश कुमार सिंह ने कहा कि पिछले वर्ष की भांति इस वर्ष भी टमाटर इतना सस्ता हो गया है कि खेतों में पड़ा हुआ है मंडी का भाव दिन प्रतिदिन गिर रहा है कभी 40 रूपये कैरेट तो कभी 20रुपया प्रति कैरेट के हिसाब से बिक रहा है। किसान दशमी सिंह ने कहा कि लगभग 15 बीघा टमाटर की खेती इस वर्ष किया लेकिन लागत नहीं निकल पाई और टमाटर इतना सस्ता हो गया कि बेचने में असमर्थ हो गए हैं।मजदूरों की प्रति तीन सौ के हिसाब से मजदूरी हो रही है। अगर 2 बीघा में 15 मजदूर लगा दिए जाए तो खर्चा लगभग पैटालिस सौ के आसपास निकल रहा है और मंडी भाव लगभग ₹20 कैरेट के हिसाब से बिक रहा है। इसलिए खेतों में टमाटर तोड़ना बंद कर दिया गया है। किसान संदीप सिंह ने बताया कि 30 बीघा के आसपास टमाटर की खेती की गई है।दो महीने से टमाटर मंडी में लगातार गिरता ही जा रहा है।बढ़ने का नाम नहीं ले रहा है।जिससे टमाटर की तोरई बंद कर दी गई है। लागत मूल्य न निकलने से और रेहन के खेत भी लिया गया है। टमाटर और मिर्च कच्चा सौदा है लेकिन 2 साल से इसका रेट न बढ़ने से आर्थिक संकट उत्पन्न हो गया है।जिससे काफी कर्ज भी हो गया है।इस क्षेत्र में टमाटर और मिर्च की फैक्टरी होती तो किसानों को शायद ही इतना घाटा उत्पन्न होता। हर चुनाव में जन प्रतिनिधि वादे करते हैं।टमाटर की फैक्ट्री लगा दी जाएगी लेकिन फैक्ट्री ना लगने से किसानों का आर्थिक शोषण हो रहा है। मंडी भाव एक महीने से 20 रुपया के कैरेट हिसाब से बिक रहा है। इतना सस्ता टमाटर पानी के भाव से भी सस्ता है। इससे अच्छा तो पानी मांगा है। इस समय देखा जाए तो टमाटर का भाव एक रूपये प्रति किलो के हिसाब से और 1 लीटर पानी की बोतल 20 लीटर के हिसाब से बिक रहा है।
राजगढ़ क्षेत्र के लगभग हर गांव में देखा जाए तो दो सौ से ज्यादा किसानों ने रेहन और निजी खेतों में टमाटर और मिर्च की खेती किए हुए हैं। लेकिन इतना सस्ता होने पर किसानों का मोह भंग होते जा रहा है। कुछ कुछ किसानों ने तो टमाटर के खेतों को जोटकर गेहूं की बुवाई कर दी लेकिन बाकी किसानों ने ऐसा नहीं किया खेतों में टमाटर पड़े हुए हैं। और मंडी भाव में पानी की रेट से भी काफी काम में टमाटर बिक रहा है।शादी विवाह का सीजन है लेकिन टमाटर के रेट दिन प्रतिदिन घटे ही जा रहे हैं।इसके अलावा मंडी में पत्ता गोभी फूल गोभी के दाम भी पानी के दाम में से भी कम बिक रहे हैं। किसान परेशान हो रहे हैं लेकिन राजगढ़ क्षेत्र में सबसे ज्यादा टमाटर की खेती की जाती है। अगर यहां पर टमाटर की फैक्ट्री लगा दिया जाए तो लगभग सैकड़ो किसान लाभान्वित होंगे। टमाटर की फैक्ट्री होने से धान की खेती न करके किसान टमाटर की खेती ज्यादा करेंगे लेकिन चुनाव में ही वादे किए जाते हैं उसके बाद सब हवा हवाई साबित होता है।किसानों की आय दो गुनी होने के बजाय हर साल घट रही है।