- 7 मेम्बरों ने प्रस्तावनों ने अपना नाम लिया वापस, जमकर हुआ गाली-गलौज
- प्रस्तावनों के नाम वापस लेने से उप चुनाव हुआ कैंसिल, घंटों चला बवाल
- मौके पर पहुंची करंडा थाने की पुलिस ने बवालियों को ब्लाक परिसर से भगाया
गाजीपुर। जिले में हमेशा से सुर्खियों में रहने वाले करंडा ब्लाक ऑफिस में सोमवार को जमकर ‘बादल गरजे, लेकिन बरसे नहीं’। हुआ यू कि करंडा ब्लाक के गोशंदेपुर गांव में सात ग्राम पंचायत सदस्यों ने कुछ दिन पूर्व अपने इस्तिफा दे दिया था। इस पद पर दोबारा उप चुनाव होना था, जिसे लेकर काफी गहमा गहमी चल रही थी। इस दौरान सोमवार को अचानक ही मेम्बरों के प्रस्तावक ब्लाक कार्यालय में पहुंच गये और यह आरोप लगाते हुए अपना प्रस्ताव वापस लेने लगे कि फर्जी तरीके से उन्हें इस चुनाव में प्रस्तावक बना दिया गया है। उनको बिना जानकारी दिये ही प्रस्तावक के रुप में चुन लिया गया है। फिर क्या था मौके पर हंगामा शुरु हो गया। वर्तमान प्रधान के पक्ष के लोग हो-हल्ला करने लगे। इस दौरान कुछ दबंग किस्म के लोग प्रस्तावकों को ब्लाक परिसर में ही धमकी देने लगे। दबंगों की मंशा थी कि किसी प्रकार प्रस्ताव अपना प्रस्ताव वापस न लेने पाये और उनके अपने लोग मेम्बर शिप के चुनाव में जीत जाये, लेकिन ऐसा हुआ नहीं। दूसरे खेमे के लोग भी मौके पर डटे हुए थे। गाली-गलौज और धमकी की दौर शुरु हो गया। इस दौरान ब्लाक परिसर में अफरा-तफरी का माहौल बन गया। ब्लाक के सभी अधिकारी व कर्मचारी सहम गये। बताते चले कि प्रधानी के चुनाव को लेकर गोशंदेपुर गांव दो कार्यकाल से सुखर््िायों में है। पूर्व के कार्यकाल में प्रधानी के मद के सरकारी धन के दुरुप्रयोग के मामले में एक महिला ग्राम प्रधान के खिलाफ मुकदमा भी दर्ज हुआ था। चर्चा है कि उसी परिवार के हाथों में इस बार की प्रधानी भी चली गई है। गांव में विकास कार्य न होने से नाराज पंद्रह में से 7 मेम्बरों ने इस्तिफा दे दिया है। जिसपर सोमवार को उप चुनाव होना था। ‘डीएनए’ के पास सबूत के तौर पर जो विडियो मौजूद है उसमें साफ नजह आ रहा है कि एक सरकारी गनर के साथ मौजूद व्यक्ति प्रस्तावक और उसके समर्थक के साथ अभद्र व्यवहार कर रहा है। दूसरे पक्ष के लोग भी उसकी अभद्रता का जबाब दे रहे है। इस दौरान आरएसएस के एक वरिष्ठ नेता के साथ भी एक पक्ष के लोगों ने अभ्रदता की। चुनाव निर्वाचन अधिकारी एडीओ जैनेन्द्र सिंह बिगड़ा माहौल देख सकते में आ गये। ब्लाक कर्मचारियों की सूचना पर पुलिस समय रहते मौके पर पहुंच गई और हालात को काबू में कर लिया। अंत में मेम्बर शिप का चुनाव कैसिंल कर दिया गया। बताते चले कि करंडा ब्लाक करीब दो दशक से सुर्खियों में रहा है। कभी वीडियो की हत्या तो कभी वीडियो व कर्मचारियों पर जानलेवा हमले को लेकर यह ब्लाक हमेशा से चर्चा में रहा है। इस सम्बंध में चुनाव अधिकारी एडीओ पंचायत जैनेन्द्र सिंह ने बताया कि उप चुनाव में प्रस्तावकों ने अपना नाम वापस ले लिया, जिसके चलते चुनाव को रद्द कर दिया गया है।