गोंडा: गोंडा अब सिर्फ एक ज़िला नहीं, बल्कि बदलाव की ज़मीन बन चुका है—जहां प्रशासनिक मशीनरी संवेदना, संकल्प और सिस्टम के साथ मिलकर काम कर रही है। इस परिवर्तन की कमान संभाली जिलाधिकारी नेहा शर्मा ने, जिन्होंने 12 जून 2023 को ज़िले की ज़िम्मेदारी लेते ही गोंडा को एक नई दिशा देने का संकल्प लिया। गुरुवार को उनका दो साल का कार्यकाल पूरा हो रहा है, और इन दो वर्षों में गोंडा ने जिस तेज़ी से सामाजिक और प्रशासनिक रंगत बदली है, वह एक मिसाल बन चुकी है।
जनसंवाद को मिली नई भाषा और दिशा
गोंडा में संवाद अब केवल औपचारिकता नहीं रहा। डीएम नेहा शर्मा ने इसे प्रभावी और परिणामदायी प्रणाली में बदल दिया।
•जनता दर्शन को उन्होंने तकनीक से जोड़ा, और वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के ज़रिए शिकायतों का त्वरित समाधान सुनिश्चित किया।
•मोबाइल व व्हाट्सएप के माध्यम से प्राप्त शिकायतों को भी गंभीरता से लेते हुए उन्होंने जनविश्वास अर्जित किया।
•उनकी पहल पर ग्राम चौपाल का नया संस्करण शुरू हुआ, जिसमें दूरस्थ गांवों में पहुंचकर समस्याएं सुनी और समाधान की कार्यवाही मौके पर ही की गई।
आज यह प्रक्रिया चौपाल 3.0 तक पहुंच चुकी है, जहां IGRS पोर्टल पर सर्वाधिक शिकायत देने वाले 40 गांवों को चिन्हित कर वहां सीधा प्रशासनिक संवाद स्थापित किया गया।
शहरी संवाद: चौपाल से 'नागरिक संगम' तक
डीएम ने शहरी समस्याओं को लेकर भी नई शुरुआत की।
•2023 में ‘नगर चौपाल’ और
•2024 में ‘नागरिक संगम’ जैसे कार्यक्रमों के तहत वार्ड-वार्ड जाकर आम नागरिकों से संवाद कर रही हैं।
यह पहला अवसर है जब कोई जिलाधिकारी स्वयं शहरी इलाकों का दौरा कर वार्ड स्तर पर समस्याएं सुन रही हैं और त्वरित समाधान भी सुनिश्चित कर रही हैं।
स्वच्छता से संवाद तक: जनभागीदारी की नई मिसाल
अगस्त 2023 में शुरू हुआ विशेष स्वच्छता अभियान अब केवल अभियान नहीं बल्कि जनांदोलन बन चुका है।
•सार्वजनिक स्थलों की दीवारें, जो पहले गंदगी का प्रतीक थीं, अब मिशन शक्ति वॉल, एसडीजी वॉल और स्वीप वॉल में बदल चुकी हैं।
•स्वच्छता को सम्मान से जोड़कर उन्होंने आम नागरिकों को भी इस पहल में भागीदार बनाया।
नवाचारों की प्रयोगशाला बना गोंडा
नेहा शर्मा के कार्यकाल में गोंडा नवाचारों की ज़मीन बना। कुछ प्रमुख पहलें:
•मिशन शक्ति कैफे व अरगा ब्रांड के ज़रिए महिला सशक्तिकरण
•शक्ति सारथी योजना के अंतर्गत 1000 ऑटो चालकों को महिलाओं की सुरक्षा के लिए प्रशिक्षित करना
•वनटांगिया दीपोत्सव व ‘प्रोजेक्ट वनटांगिया’ जैसे प्रयासों के ज़रिए उपेक्षित समुदायों को मुख्यधारा से जोड़ना
इन पहलों ने विकास को केवल योजनाओं तक सीमित नहीं रखा, बल्कि उसे मानवीय संवेदना से जोड़ा।
सुधारों को प्राथमिकता: मानव संसाधन और प्रशासनिक दक्षता प्रशासनिक प्रणाली में डीएम ने दंड की बजाय सुधार को वरीयता दी।
•वर्षों से लंबित प्रमोशन पूरे किए गए, जिससे कर्मचारियों में कार्यक्षमता और उत्साह बढ़ा।
•महिला और युवा भागीदारी को प्रोत्साहित कर प्रशासनिक कार्यसंस्कृति में नई ऊर्जा भरी गई।
नेतृत्व जो भरोसा जगाता है
नेहा शर्मा का नेतृत्व यह दिखाता है कि जब संवेदना, संकल्प और सिस्टम एक साथ चलते हैं, तो बदलाव न केवल संभव होता है बल्कि स्थायी और अनुकरणीय बनता है।
गोंडा आज एक उदाहरण है—जहां दीवारें बोलती हैं, मोहल्ले मुस्कराते हैं और प्रशासन आमजन के साथ चलता है।