नयी दिल्ली... उच्चतम न्यायालय ने 2022 में उदयपुर के दर्जी कन्हैया लाल तेली की नृशंस हत्या के आरोपी मोहम्मद जावेद की जमानत के खिलाफ दायर राष्ट्रीय जाँच एजेंसी और मृतक के पुत्र यश तेली की याचिकाएं मंगलवार को खारिज कर दीं।
न्यायमूर्ति एम एम सुंदरेश और न्यायमूर्ति सतीश चंद्र शर्मा की पीठ ने उच्च न्यायालय के फैसले को चुनौती देने वाली याचिकाओं को खारिज कर दिया। राष्ट्रीय जाँच एजेंसी और मृतक के पुत्र यश तेली ने उच्च न्यायालय के आदेश के खिलाफ अपील दायर की थी। याचिका में कहा गया था कि हत्या देश भर में सांप्रदायिक रूप से उत्तेजित माहौल में की गयी थी।
गौरतलब है कि कन्हैया लाल की 28 जून, 2022 को उदयपुर के व्यस्त हाथीपोल इलाके में उनकी दुकान पर कर दी गई थी। आरोप है कि दो लोगों ने तेज धार हथियार से हत्या को अंजाम दिया था।
कन्हैया लाल ने कथित तौर पर भारतीय जनता पार्टी की नेता नूपुर शर्मा के पक्ष में एक सोशल मीडिया पोस्ट का समर्थन किया था। आरोपियों मोहम्मद रियाज़ और मोहम्मद गौस ने घटना का एक वीडियो भी बनाया था और उसे ऑनलाइन पोस्ट कर दिया था।
अदालत के समक्ष तेली के अधिवक्ता ने दलील दी थी कि जावेद की भूमिका बेहद गंभीर है, क्योंकि उसने हमलावरों को मृतक के ठिकाने और उपस्थिति की जानकारी दी थी।
उन्होंने दलील दी कि अपराध की गंभीरता को समझे बिना उसे ज़मानत देना उच्च न्यायालय का सही फैसला नहीं था।
याचिका में दावा किया गया था कि मुख्य अभियुक्तों ने हत्या की तैयारी की, हथियार इकट्ठा किए, रेकी की और मृतक के ठिकाने की जानकारी देने के लिए जावेद की मदद ली।
राष्ट्रीय जांच एजेंसी का आरोप है कि अभियुक्त जावेद कन्हैया लाल की दुकान के पास एक दुकान में काम करता था। उसने अपराध के समय हमलावरों को अपना ठिकाना बताया और उन्हें मृतक के ठिकाने के बारे में भी जानकारी दी थी।