नई दिल्ली .... तेलंगाना से राज्य सभा सांसद और भारतीय जनता पार्टी ( भाजपा) ओबीसी मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष के. लक्ष्मण ने राज्य की कालेश्वरम लिफ्ट सिंचाई परियोजना में कथित घोटाले की सीबीआई जांच कराने के निर्णय में विलंब पर सवाल उठाते हुए राज्य की रेवंत रेड्डी सरकार पर भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) के साथ समझौता करने का आरोप लगाया है।
यह परियोजना तेलंगाना राष्ट्र समिति (वर्तमान नाम बीआरएस) सरकार के समय में शुरू की गयी थी।
श्री लक्ष्मण ने यहां इस मुद्दे पर संवाददाताओं से बातचीत कहा , ‘‘ मैं मुख्यमंत्री रेड्डी से पूछना चाहता हूं कि जब वह चुनाव से पहले प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष थे तो उन्होंने क्या यह नहीं कहा था कि हमारी सरकार बनी तो कालेश्वरम प्रोजेक्ट में हजारों करोड़ के घोटाले की जांच छह महीने के अंदर पूरी कर के इस भ्रष्टाचार में लिप्त सम्बंधित लोगो को जेल भेज दिया जाएगा।”
भाजपा नेता ने कहा कि छह महीने में जांच करने की बात तो दूर मुख्यमंत्री रेड्डी को सीबीआई जांच की मांग करने में ही 22 महीने लग गये हैं जो दर्शाता है कि उनका बीआरएस से कोई समझौता हो गया है। उन्होंने कहा कि भाजपा पहले से ही कालेश्चवर परियोजना में घोटाले की जांच की मांग कर रही है। प्रधानमंत्री भी यह मुद्दा उठा चुके हैं।
उन्होंने कहा कि आज तेलंगाना में कांग्रेस की लोकप्रियता खत्म हो चुकी है, कांग्रेस और बीआरएस को भाजपा का खौफ हो गया है। इसी लिए उन्होंने आपस में सहमति बना ली है।
गौरतलब है मुख्यमंत्री रेड्डी ने अब तेलंगाना विधानसभा में घोषणा की है कि राज्य सरकार कालेश्वरम बांध परियोजना के निर्माण में अनियमितताओं की जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो ( सीबीआई) से कराने के पक्ष में है।
राज्य विधान सभा में रविवार को न्यायमूर्ति पीसी घोष आयोग की रिपोर्ट पर नौ घंटे की लम्बी चर्चा हुई जो आधी रात तक चली। इस दौरान कालेश्वरम परियोजना के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा हुई। मुख्यमंत्री ने पीसी घोष आयोग की रिपोर्ट के हवाले कहा कि परियोजना में कई त्रुटियां और अनियमितताएं हुई हैं तथा तीनों बैराजों का निर्माण बिना किसी उचित योजना के किया गया था । उन्होंने कहा कि डिज़ाइन संबंधी खामियां, गुणवत्ता पर्यवेक्षण का अभाव और जानबूझकर तथ्यों को छुपाने की बात सामने आई है।